गुरुवार, 28 जनवरी 2010

मन


मन
अगर फट जाता है कभी,
लाख कोशिश करो
जोड़े नही जुड़ता.
बस
तैरती रहती हैं पुरानी यादें
निचले तल से
ऊपरी सतह तक .

दूध जैसा मन भी
एक बार फटा-
तो बस फट गया- सदा के लिए.


-पूर्णिमा  शर्मा